Month: सितम्बर 2020

मुसीबत के साथ शांति स्थापित करना

जब मैंने इस पर ध्यान दिया तो हम लगभग घर पहुँच चुके थे : हमारी कार के तापमान गेज की सुई तेजी से ऊपर की ओर भाग रही थी । जैसे ही हम अंदर आए, मैंने इंजन बंद करके कार से बाहर निकल गया । गाड़ी से धूएँ का गुब्बार निकल रहा था l इंजन एक तले हुए अंडे की तरह कड़कड़ाने लगा l मैंने कार को कुछ फीट पीछे किया और नीचे मुझे एक पोखर मिला : तेल । तुरंत, मुझे पता चल गया कि क्या हुआ था : अग्रभाग का गैसकेट(gasket) टूट गया था ।

मैं कराह उठा । हमनें हाल ही में दूसरे महँगे मरम्मतों में पैसे लगाए थे l चीजें काम क्यों नहीं करती? मैं ज़ोर से बड़बड़ाने लगा l चीजें टूटना बंद क्यों नहीं होती?

क्या आप सम्बद्ध(relate) कर सकते हैं? कभी-कभी हम एक संकट को टालते हैं, एक समस्या को हल करते हैं, एक बड़े बिल का भुगतान करते हैं, केवल दूसरे का सामना करने के लिए । कभी-कभी वे परेशानियाँ एक आत्म-विनाशकारी इंजन से बहुत बड़ी होती हैं : एक अप्रत्याशित निदान, एक असामयिक मृत्यु, एक भयानक नुकसान ।

उन क्षणों में, हम एक ऐसी दुनिया के लिए तरसते हैं जो कम टूटी, कम परेशानी से भरी है । यीशु ने जिस संसार का वादा किया था वह आनेवाला है । लेकिन अभी नहीं : "संसार में तुम्हें क्लेश होता है,” उसने यूहन्ना 16 में शिष्यों को याद दिलाया l “परन्तु ढाढ़स बाँधो, मैं ने संसार को जीत लिया है” (पद.33) । यीशु ने उस अध्याय में गंभीर मुसीबतों के बारे में बात की, जैसे कि आपके विश्वास के लिए सताव । लेकिन इस तरह की परेशानी, उन्होंने सिखाया, उनके लिए अंतिम शब्द कभी नहीं होगा जो उसमें आशा करते हैं ।

छोटी और बड़ी परेशानियाँ हमें दबा सकती हैं l लेकिन उसके साथ बेहतर कल का यीशु का वादा हमें प्रोत्साहित करता है कि हम अपनी परेशानियों को आज अपने जीवन को परिभाषित न करने दें l

अफवाहों को रोकना

चार्ल्स सिमियन (1759-1836) को इंग्लैंड के कैम्ब्रिज में होली ट्रिनिटी चर्च का पास्टर नामित किए जाने के बाद उन्हें कई वर्षों तक विरोध का सामना करना पड़ा । जैसा कि मंडली में ज़्यादातर चाहते थे कि सहयोगी पास्टर को सिमियन के बजाय नियुक्त किया जाए, उन्होंने उसके बारे में अफवाहें फैलाईं और उनकी सेवा को अस्वीकार कर दिया - यहाँ तक कि कई बार उन्हें चर्च से बाहर कर दिया । लेकिन सिमियन, जो परमेश्वर की आत्मा से भरा होना चाहते थे, ने जीने के लिए कुछ सिद्धांत बनाकर बकवाद का सामना करना चाहा । किसी का अफवाहों पर विश्वास करना कभी नहीं था जब तक कि वे बिल्कुल सच नहीं थे और दूसरा "हमेशा विश्वास करना था, कि अगर दूसरे पक्ष को सुना जाता है, तो मामले का एक बहुत अलग विवरण दिया जाएगा ।"

इस अभ्यास में, सिमियन ने परमेश्वर के निर्देशों का पालन करके अपने लोगों के बकवाद और दुर्भावनापूर्ण बातचीत को रोका जो वह जानता था कि इससे वे एक-दूसरे के लिए अपने प्यार को मिटा देंगे । परमेश्‍वर के दस आज्ञाओं में से एक उनके सच्चाई से जीने की उसकी इच्छा को दर्शाता है : “तू किसी के विरुद्ध झूठी साक्षी न देना” (निर्गमन 20:16) । निर्गमन में एक और निर्देश इस आज्ञा को पुष्ट करता है : “झूठी बात न फैलाना” (23:1) ।

यह सोचें कि अगर हममें से प्रत्येक ने कभी भी अफवाहें और झूठी खबरें नहीं फैलाते हैं और अगर हम उन्हें सुनते ही उन्हें रोक देते हैं तो दुनिया कितनी अलग होगी l हम पवित्र आत्मा पर भरोसा करें कि वह हमें प्रेम में सच्चाई बोलने में मदद करे जब हम अपने शब्दों का उपयोग परमेश्वर की महिमा के लिए करते हैं ।

स्पष्ट

लेखक मार्क ट्वेन ने सुझाव दिया कि हम जीवन में जो कुछ भी देखते हैं - और हम इसे कैसे देखते हैं - हमारे अगले कदम, यहां तक ​​कि हमारे भाग्य को प्रभावित कर सकता है । जैसा कि ट्वेन ने कहा, "जब आपकी कल्पना ध्यान से बाहर होती है तो आप अपनी आँखों पर निर्भर नहीं रह सकते ।"

पतरस ने भी दृष्टि की बात कही जब उसने लंगड़ा भिखारी को जवाब दिया, एक आदमी जिसका उसने और यूहन्ना ने सुंदर (प्रेरितों 3:2) नामक व्यस्त मंदिर के फाटक पर सामना किया। जैसे ही उस व्यक्ति ने उनसे पैसे मांगे, पतरस और यूहन्ना सीधे आदमी की तरफ देखने लगे । "तब पतरस ने कहा, ‘हमारी ओर देख!’”(पद.4) ।

उसने ऐसा क्यों कहा? मसीह के राजदूत के रूप में, पतरस शायद चाहता था कि भिखारी अपनी सीमाओं को देखना बंद कर दे - हाँ, यहां तक ​​कि पैसे की अपनी जरूरत को भी देखना बंद कर दे । जब उसने प्रेरितों को देखा, उसे परमेश्वर में विश्वास होने की वास्तविकता दिखाई देगी ।

जब पतरस ने उससे कहा, “चाँदी और सोना तो मेरे पास है नहीं, परन्तु जो मेरे पास है वह तुझे देता हूँ; यीशु मसीह नासरी के नाम से चल फिर” (पद.6) l उसके बाद पतरस ने “उसका दाहिना हाथ पकड़ के उसे उठाया; और तुरंत उसके पाँवों और टखनों में बल आ गया l वह उछालकर खड़ा हो गया और चलने-फिरने लगा” और परमेश्वर की स्तुति करने लगा (पद. 7-8) l

क्या हुआ? उस व्यक्ति का परमेश्वर में विश्वास था (पद.16) । जैसा कि सुसमाचार प्रचारक  चार्ल्स स्पर्जन ने ज़ोर देकर समर्थन किया, "अपनी नज़र बस उसी पर रखो ।" जब हम ऐसा करते हैं, हम बाधाओं को नहीं देखते हैं । हम परमेश्वर को देखते हैं, जो हमारे रास्ते को स्पष्ट करता है ।

लिफ्ट की मरम्मत करना

सारा की एक दुर्लभ स्थिति है जो उसके जोड़ों के उखड़ने का कारण बनती है, जिससे वह बिजली के व्हीलचेयर पर निर्भर हो जाती है । हाल ही में एक बैठक में जाते समय, सारा अपनी व्हीलचेयर पर ट्रेन स्टेशन तक गयी लेकिन लिफ्ट टूटी हुई पाई । फिर । प्लेटफ़ॉर्म पर जाने का कोई रास्ता नहीं होने के कारण, उसे चालीस मिनट दूर दूसरे स्टेशन तक टैक्सी लेने के लिए कहा गया । टैक्सी बुलाई गई लेकिन वह नहीं आई । सारा हार मानकर घर चली गई ।

दुर्भाग्य से, यह सारा के लिए एक नियमित घटना है । टूटे लिफ्ट उसे ट्रेनों पर चढ़ने से रोकते हैं, भूली हुई चल सीढ़ियाँ उसे उतरने में असमर्थ छोड़ देती हैं । कभी-कभी रेलवे कर्मचारी सारा को सहायता की ज़रूरत के कारण परेशानी मानते हैं l वह अक्सर रोने लगती है l

मानव संबंधों को नियंत्रित करने वाले कई बाइबल नियमावलियों में से, "अपने पड़ोसी को अपने समान प्रेम रख” कुंजी है (लैव्यव्यवस्था 19:18; रोमियों 13: 8–10) । और जबकि यह प्रेम हमें झूठ बोलने, चोरी करने और दूसरों को गाली देने से रोकता है (लैव्यव्यवस्था 19:11,14), यह हमारे काम करने के तरीके को भी बदलता है l कर्मचारियों के साथ उचित व्यवहार किया जाना चाहिए (पद.13), और हम सभी को गरीबों के प्रति उदार होना चाहिए (पद.9–10) । सारा के मामले में, जो लिफ्ट को ठीक करते हैं और चल सीढ़ियों को बाहर खींचते हैं, वे असंगत कार्य नहीं करते हैं, लेकिन दूसरों को महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करते हैं ।

अगर हम काम को केवल मजदूरी या अन्य व्यक्तिगत लाभ के साधन के रूप में मानते हैं, तो हम जल्द ही दूसरों को झुंझलाहट के रूप में मानेंगे । लेकिन अगर हम अपनी नौकरियों को प्रेम के अवसरों के रूप में मानते हैं, तो अधिकतर रोजमर्रा का काम एक पवित्र उद्यम बन जाता है ।